चार्ल्स बैबेज का जीवन परिचय
दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको चार्ल्स बैबेज के जीवन परिचय के बारे में बताएंगे तो आइए जानते हैं। महान चार्ल्स बैबेज का जीवन परिचय
चार्ल्स बैबेज का जीवन परिचय
जन्म 26 दिसंबर 1971 लंदन इंग्लैंड
मृत्यु 18 अक्टूबर 1871 उम्र 79 लंदन इंग्लैंड राष्ट्रीयता अंग्रेज
बच्चे Children: Benjamin Herschel Babbage, Henry Prevost Babbage, Dugald Bromhead,
पत्नी Georgiana Whitmore (m. 1814–1827)
क्षेत्र गणित इंजीनियरिंग राजनीतिक अर्थव्यवस्था कंप्यूटर विज्ञान
संस्थान त्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज 1810-1812
शिक्षा पीटरहाउस कैंब्रिज 1812-1814
प्रसिद्धि गणित कंप्यूटिंग
जन्म स्थान एवं परिवार चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 दिसंबर 1791 को इंग्लैंड देश के लंदन में हुआ था, इनके पिता का नाम बेंजामिन बेबीज था, जो कि एक बैंकर थे चार्ल्स बैबेज तीन भाई थे इनका परिवार समृद्ध परिवार था चार्ल्स बैबेज पढ़ाई में अच्छे थे। पढ़ाई करके एक अच्छे गणितज्ञ अविष्कारक बन गए।
चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है ( फादर ऑफ कंप्यूटर) आज इनकी वजह से ही हम आज आधुनिक कंप्यूटर का लुफ्त उठा पा रहे हैं चार्ल्स बैबेज ने 1814 को Georgiana Whitmore नामक महिला से शादी किया था। जिनके द्वारा 8 बच्चे हुए शिक्षा चार्ल्स बैबेज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई घर से ही प्रारंभ की थी
इसके बाद उनको आगे की शिक्षा दिलाने के लिए उनके माता-पिता ने उनको कोलम बूट कॉलेज में भर्ती करा दिया था। जहां से इन्होंने इंटर पास आउट किया था चार्ल्स बैबेज ने ट्यूशन किया था चार्ल्स बैबेज इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए 1810 ईस्वी अक्टूबर को त्रिनिटी कॉलेज में कैंब्रिज की पढ़ाई करने के लिए वहां पर गए उन्होंने वहां पर बहुत अच्छी सफलता हासिल की कैंब्रिज कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पूरी पढ़ाई की थी।
चार्ल्स बैबेज का वैज्ञानिक उपलब्धि
1815 को रॉयल इंस्टीट्यूट में भाषण देने का चार्ल्स बैबेज ने खगोलीय विज्ञान पर भाषण दिया था।स् 1816 में इन्हें रॉयल सोसाइटी का साथी भी चुना गया चार्ल्स की स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद में कई पदों पर नौकरी के लिए आवेदन किए थे लेकिन वहां आवेदन अस्वीकार कर दिए गए थे क्योंकि उसके पास सिफारिश नहीं थी।कैरियर बनाने के लिए इनके पास रास्ते बहुत कम थे।
चार्ल्स बैबेज की मशीनें
चार्ल्स बैबेज ने 1819 में गणना करने वाला इंजन का सबसे छोटा मॉडल बना शुरू किया, और 1822 में इन्होंने पूरा कर दिया। यहां पर सबसे अच्छी बात यह थी की चार्ल्स बैबेज के मशीनों में ब्रिटिश सरकार की बहुत ज्यादा दिलचस्पी थी, वहां की सरकार ने इन्हें कुछ रुपए भी दिए थे ताकि यह काम को और अच्छा कर पाए। चार्ल्स बैबेज के युग में गणितीय तालिका में महत्वपूर्ण थे।
उन्हें हाथ से गणना की जाती थी और फिर टेबल पर लिखा जाता था चार्ल्स बैबेज के यही सब करने से इन्होंने एक यांत्रिक डिवाइस बनाने का फैसला किया जो गणना कर सके इन्होंने इसलिए सोचा क्योंकि ऐसी मशीन सटीक होगी और जल्दी काम कर पाएगी आज इनकी सोच की वजह से हम आज कंप्यूटर का उपयोग कर पा रहे हैं
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